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पालयन अनुक्रम स्वरूप तथा आगम सुत्र

पालयन अनुक्रम स्वरूप तथा आगम सुत्र

संस्कृत व्याकरण में आगम सुत्र का महत्व ऐसा है कि इसमें एक अक्षर का लोप हो जाता है उसके स्थान पर दुसरे अक्षर का अजाते हैं।
जैसे स्वर वर्णों का अनुनासिक में उच्चारण होने पर वो लोग  हो जाता है क्योंकि वहां इत् संज्ञा प्रतिपादन होता है उसे संस्कृत भाषा में पालयन अनुक्रम अक्षर बोल सकते हैं जैसे राम + सु प्रत्यय में उ का जैसे स् + उ में उ कार का अनुनासिक रूप उच्चारण से उकार लोप हो जाता हैं क्योंकि वहां इत् प्रतिपादन होता है यह निर्देश व्याकरण अद्योच्चारणं शब्द से निर्देशित करते हैं। हमें लगता है संस्कृत से ही सी भाषा का विकास हुआ हैं। धन्यवाद हर हर महादेव 🙏

Comments

  1. कृपया ब्रह्मवैवर्त पुराण के श्लोकों का सही अनुवाद करें, इसका बहुत ही खराब अनुवाद है... राधाकृष्ण से संबंधित सभी बातें वहां लिखी गई हैं जो उपयुक्त नहीं हैं🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

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