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वेदज्ञान तथा सी भाषा

वेदज्ञान तथा सी भाषा 
वेद में विषय का संधान करते हैं इससे निपात बोलते हैं सी भाषा में इसे objective code कहते हैं यहां तो विषय का भेद होते हैं जैसे अ स्वारादि इकार प्रत्यक्ष गोचर रूपत्व प्रकृति प्रत्ययान्तक हैं। इसलिए सी को भगवान का प्रोग्रेम भाषा कहते हैं। ऐसा ही वेद में शं प्रत्यय इत्यादि का संधान में अलग अलग अर्थोप्ति होता है यही objective code preference हैं यह वेद ज्ञान हैं। 
हालांकि आधुनिक सी भाषा में कवेल  अंग्रेजी लिखते हैं ऐसा नहीं है की अन्य भाषाओं के अक्षर नहीं लिख सकते हैं। उसके केलिए अलग  संकेत वर्गीकरण कर सकते हैं धन्यवाद हर हर महादेव 🙏

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यजुर्वेद २३/१९ महीधर और उवट कभी वेद के  ग़लत प्रचार नहीं कीये थे बिना  संस्कृत के ज्ञान के बिना अर्थ करना असंभव है आर्य समाजी एवं विधर्मी बिना संस्कृत ज्ञान गलत प्रचार इनके उद्देश्य मूर्ति पुजा खण्डन और हिन्दू धर्म को तोडना हैं इनके बात पर ध्यान न दें। देखिए सही भाष्य क्या हैं गणानां त्वा गणपतिं ँ हवामहे प्रियानां त्वा प्रियापतिं ँ हवामहे निधिनां त्वा निधिपतिं हवामहे वसो मम अहमाजानि गर्भधाम त्वाजासि गर्भधम् यजुर्वेदः 23/19 भाष्यः अश्व अग्निर्वा अश्वः (शत°ब्रा° ३:६:२५) शक्ति अभिमानी गतं जातवेदस ( इहैवायमितरो जातवेदा देवेभ्यो हव्यंवहतु परजानन ऋग्वेद १०/२६) परब्रह्मण तन्स्त्रीनां मध्ये अश्वो यत् ईश्वरो वा अश्वा( शत°ब्रा°२३:३:३:५) सः एवं प्रजापति रुपेण प्रजापतिः हवामहे प्रजा पालकः वै देवम् जातवेदसो अग्ने तान सर्वे पितृभ्यां मध्ये प्रथम यज्ञकार्यार्थम् गणनां गणनायकम् स गणपतिं सर्वे  देवेभ्यो मध्ये  आह्वायामि इति श्रुतेः। प्रियपतिम्  सः गणपतिं निधिनां (गणनां प्रियाणां निधिनामतिं का°श्रौ° २०:६:१४) सर्वाः पत्न्यः पान्नेजानहस्ता एव प्राणशोधनात् तद जातवेदो प्रतिबिम्बं...

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