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व्याकरण ज्ञान तथा सी भाषा विकास

व्याकरण ज्ञान तथा सी भाषा विकास

व्याकरण एक ऐसा विषय है जिसे वेद का मुख कहा हैं। अब मुख एक प्रधान प्रत्ययंत्क हैं अब इसे कंप्यूटर भाषा में header file  कहते हैं जैसे सी भाषा में लिखते हैं
# include <std.io>•h  इसे लिखने मुख्य उद्देश्य है ये एक पहले ही निर्देशित कृत्य है ये संक्षिप्त हो जैसे यहां io ये एक ऐसा कृत्य है जो पहले से निर्देशित किया है ये हर एक software में होते हैं । इसे संस्कृत भाषा में  प्रक्रिया सामर्गी  कहते हैं । जैसे पाणिनि महार्षि जी के दो सुत्र में ये बात स्पष्ट करेंगे जब हम व्याकरण में पहले निविष्ट में आदिरत्येन सहेता इसमें प्रत्याहार सुत्र निर्देशित करते हैं जैसे दो शब्द में अनेक शब्द वाच्य को ग्रहण करते हैं जैसे अण् प्रत्याहार में अनेक वचन लुप्त हैं जैसे इसमें मध्याम अक्षर को भी ग्रहण किया जायेगा अ बोलने जैसे आ इ,ई ई,उ,ऊ ग्रहण किया जायेगा ये संस्कृत भाषा पहले दिपद हैं अ और ण् यहां पहले अक्षर ही header अर्थात प्रधान हैं। इसके व्याख्या जो पुर्वं न होते हुए भी परम हैं। वहीं आदि हैं। दुसरे सुत्र अणुदित सुवर्णस्य च प्रत्ययः यहां दीर्घ वाले अक्षर होते हैं। यही नियम सी में हैं। क्यों कि च प्रत्यय का अर्थ साथ वा include करना होता हैं। उदाहरण
राम शब्द एक प्रतिपादिक हैं। पहले नियम
१) र् + आ रा होता है
२) म् + अ होता है।
तब ये पुरि तरह प्रतिपादिक होता है।
अब प्रथमा से सप्तमी विभक्ति तक ऐसे ही प्रयोग उदाहरण
राम + सु नामक प्रत्यय को तोड़ने पर
राम+ स्+उ होता है यहां अनुनासिक इत इससे उ कार का अनुनासिक ग्रहण होने से इत् होगा अदर्शनं लोपः तस्य लोपः इस सुत्र से लोप होगा बाद में दर्शक में रेफ होकर रामः बनेगा
१) स कार का रेफ अर्थात रकार वाले सुत्र सषजुषोरूः
२) रकार   का विसर्ग  वाले खरवासनयोः विसर्जिनयः से विसर्ग होगा इतना नियम से रामः शब्द बनेगा ये रहा व्याकरण ज्ञान धन्यवाद हर हर महादेव ♥️🙏

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