यः श्वे॒ताँ अधि॑निर्णिजश्च॒क्रे कृ॒ष्णाँ अनु॑ व्र॒ता । स धाम॑ पू॒र्व्यं म॑मे॒ यः स्क॒म्भेन॒ वि रोद॑सी अ॒जो न द्यामधा॑रय॒न्नभ॑न्तामन्य॒के स॑मे ॥ ऋग्वेद ८:४१:१० इस श्लोक के अनुवाद को ध्यन से पढे इसके पीछे बड़ा विज्ञान हैं अंग्रेजी और हिंदी भाषा में अनुवाद दिया हैं बहुत परिश्रम के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हूं वेद के अनुसार विष्णु हिरण्यगर्भ में स्थित हैं और विज्ञान मानते हैं कि galatic center धनु और मकर राशि के बीच पड ता हैं अगर वेद और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विष्णु मकर राशि का स्वामी हैं इसलिए ये अनुमान लगाया जा सकता हैं galactic center में जो शक्ति हैं वो विष्णु नाभि हो सकता हैं सर्व व्यापक विष्णु या भगवान इसकेे पिछे कि शक्ति हैं विज्ञान आज तक पता नहीं हैं galatic center मैं कौनसा शक्ति हैं जो सब Galaxy एक साथ रखा हैं ऋग वेद ८:४१:१० (यः) जो प्रभु सबका स्वामी सुर्य के समान अति शुद्ध सुर्य(stars) को भी नियम के अनुसार चलता है और जो रात्री के समान अन्धकारमय पृथ्वी के समान लोक (dwarf planets) या पृथ्वी लोक को भी नियम के अनुसार अपने अधीन में रखा हैं(यः) जो (स्कम्बेन-अन्तरिक्षेन) सतीन